भारतीय सेना ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली में इन्फैंट्री दिवस, जिसे शौर्य दिवस के रूप में भी जाना जाता है, के अवसर पर एक भव्य पुष्पांजलि अर्पित की और इन्फैंट्री के शौर्य, बलिदान और अदम्य साहस को श्रद्धांजलि दी।
तीन सम्मानित युद्ध पूर्व सैनिक, मेजर आशीष सोनल, वीर चक्र (सेवानिवृत्त), ऑपरेशन पवन (1990) के पूर्व सैनिक; सूबेदार मेजर और माननीय कैप्टन कुंवर सिंह, वीर चक्र (सेवानिवृत्त), जिन्होंने ऑपरेशन मेघदूत (1989) में भाग लिया; तथा ऑपरेशन कैक्टस लिली (1971) के प्रतिभागी लांस नायक अमृत, वीर चक्र (सेवानिवृत्त) ने इन्फैंट्री के दिग्गजों की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की और वीरता एवं निस्वार्थ सेवा की स्थायी विरासत की पुष्टि की।
राष्ट्रव्यापी समारोह के तहत लखनऊ में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा मेमोरियल सेमीनार, शौर्यवीर दौड़, और दिल्ली छावनी में वीर नारियों का सम्मान समारोह आयोजित किए गए। इस अवसर पर इन्फैंट्री की बहुआयामी क्षमता विकास और वीर गाथाओं को दर्शाती ‘इन्फैंट्री पत्रिका’ का विमोचन भी किया गया।
इन्फैंट्री दिवस प्रति वर्ष 27 अक्टूबर को मनाया जाता है और यह भारत के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। 1947 में इसी दिन भारतीय सेना के इन्फैंट्रीमैन श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरने वाला पहला सैनिक दस्ता था, जिसने पाकिस्तान समर्थित कबायली आक्रमण को विफल कर भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की। यह दिन इन्फैंट्री के अदम्य साहस और समर्पण को स्मरण करता है।
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