यूनेस्को ने लखनऊ को 'रचनात्मक पाक-कला शहर' का दर्जा दिया है, जो उसकी समृद्ध और विविध पाक-कला विरासत, खासकर लोकप्रिय अवधी व्यंजनों को मान्यता देता है। यह सम्मान 31 अक्टूबर 2025 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में यूनेस्को के 43वें महासम्मेलन के दौरान दिया गया। इसके साथ ही लखनऊ यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) की पाक-कला श्रेणी में शामिल हुआ है।
लखनऊ, भारत का दूसरा ऐसा शहर बन गया है जिसे यह सम्मान मिला है; इससे पहले यह सम्मान हैदराबाद को 2019 में मिला था। लखनऊ की यह पहचान उसकी शाही रसोई, जीवंत स्ट्रीट फूड संस्कृति और सदियों पुरानी पाक परंपराओं को वैश्विक मंच पर समृद्ध करती है। इस सम्मान से लखनऊ का वैश्विक कद बढ़ा है और यह इसे खानपान तथा पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाता है।
यह भर्ती लखनऊ की पाक विरासत, नवाबी खान-पान और सांस्कृतिक विविधता का जीता-जागता प्रमाण है, जो दुनियाभर के 100 से अधिक देशों के 408 शहरों के साथ यूनेस्को के क्रिएटिव शहरों के नेटवर्क का हिस्सा बनाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय अधिकारियों ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई है और लोगों से लखनऊ आकर इसकी पाक-कला का स्वाद लेने की अपील की है।
यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) की स्थापना 2004 में की गई थी, जिसका उद्देश्य उन शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है जो रचनात्मकता को सतत शहरी विकास के लिए एक रणनीतिक कारक मानते हैं।
यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ़ गैस्ट्रोनॉमी का दर्जा उन शहरों को दिया जाता है जिनकी समृद्ध पाक परंपराएँ और नवोन्मेषी खाद्य संस्कृतियाँ सतत शहरी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह श्रेणी शहरों को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करती है।
