राष्ट्रपति ने राजभवन, नैनीताल की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के समारोह में भाग लिया
राष्ट्रपति ने राजभवन, नैनीताल की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के समारोह में भाग लिया
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के नैनीताल स्थित राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन गणतंत्र का प्रतीक है, वैसे ही राजभवन राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद यह राजभवन राज्य की प्रगति का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। राष्ट्रपति ने बताया कि संसदीय प्रणाली में राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था का संवैधानिक मुखिया होता है। संविधान निर्माताओं ने राज्यपाल की शक्तियों और कर्तव्यों को गहन विचार-विमर्श के बाद निर्धारित किया है। राज्य की जनता राजभवन को अत्यंत सम्मानित और पूजनीय स्थान मानती है। इसलिए, राज्यपाल की टीम के सभी सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कर्तव्यों में सादगी, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता के आदर्शों को अपनाएं। राज्यपाल की संवैधानिक भूमिका में राज्य की कार्यपालिका शक्ति उनके पास निहित होती है जो संविधान के तहत स्वयं या अपने अधिकारियों के माध्यम से लागू की जाती है। वे राज्य विधानमंडल को …