भारत की सबसे बड़ी मस्जिद - ताज-उल-मस्जिद
भारत के मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद न केवल देश की सबसे बड़ी मस्जिद है बल्कि एशिया की भी दूसरी सबसे बड़ी और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती है। इसका नाम ‘ताज-उल-मस्जिद’ का शाब्दिक अर्थ है ‘मस्जिदों का ताज’, जो इसे इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के अनुसार पूरी तरह उपयुक्त बनाता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ताज-उल-मस्जिद का निर्माण नवाब शाहजहां बेगम द्वारा 19वीं शताब्दी के अंत में शुरू किया गया था। आर्थिक कष्टों और राजनीतिक समस्याओं के कारण निर्माण कई दशकों तक अधूरा रहा। बाद में, आधुनिक युग में सार्वजनिक दान और सरकार की सहायता से इसका निर्माण पूरा हुआ और यह मस्जिद पूरी तरह बनकर 1985 में उद्घाटन के लिए तैयार हुई। शाहजहां बेगम की बेटी सुलतान जहां बेगम ने भी इसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वास्तुकला की विशेषताएँ ताज-उल-मस्जिद मुग़ल शैली की वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। इसके विशाल प्रार्थना कक्ष और सफ़ेद संगमरमर के फर्श इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। बाहर से मस्जिद का रंग गुलाबी दिखता है, जो यहां के लाल बलुआ पत्थर से बनता है। मस्जिद की सबसे बड़ी विशेषता इसकी …